जीना मुश्किल है की आसान ज़रा देख तो लो
लोग लगते हैं परेशान ज़रा देख तो लो
फिर मुक़र्रिर कोई सरगर्म सरे मिम्बर है
किसके है क़त्ल का सामान ज़रा देख तो लो
ये नया शहर तो है खूब बसाया तुमने
क्यों पुराना हुआ वीरान ज़रा देख तो लो
इन चरागों के तले इतने अँधेरे क्यों है
तुम भी रह जाओगे हैरान ज़रा देख तो लो
तुम ये कहते हो की में गैर हूँ फिर भी शायद
निकल आए कोई पहचान ज़रा देख तो लो
ये सताइश की तमन्ना ये सिले की परवाह
कहा लाए है ये अरमान ज़रा देख तो लो